सिर्फ यही ईट होगी आपके घर के लिए सबसे बेहतर
सिर्फ यही ईट होगी आपके घर के लिए सबसे बेहतर
आप भली भाती जानते है, की घर बनाने के लिए लाल ईट से बेहतर और कुछ नही है। घर बनाने के लिए लाल ईट ही सबसे ज्यादा उपयोगी है, लेकिन हम घर बनाने के लिए किस परकार का ईट का प्रयोग करे इसकी जानकारी आप को नही है। आइए जानते है, की घर बनाने के लिए हम किस परकार का ईट का प्रयोग करे ताकि हमारा घर अच्छा और मजबूत बन सके।
#1 लाल ईट से बने घर
लाल ईट से बने हुए घर देखने में बहुत ही अच्छी दिखाई देती है। ईट से बनाई गई घर की दिवाले 9" मोटा होता है, इसमें बिजली की कनेक्शन के लिए वॉल कटिंग बहुत आसानी से हो जाता है। लाल ईट की वॉल में दरार बहुत कम आती है। लाल ईट से बने घर में अगर आप प्लास्टर कुछ सालो के लिए नही भी करोगे तब भी आप उस घर में रह सकते हो। वारिस की पानी से वॉल में लीकेज भी नही आती है और पानी घर के अंदर नही आ पाती है। ईट से बने घर के अंदर आम घरों के मुताबिक ठंड ज्यादा होती है। आपने कभी सोचा है, की लाल ईट से बने घर के अंदर ज्यादा ठंड क्यू होता है। यह ईट मिट्टी से बना होता है जिसमे पानी को अपने अंदर सोखने की क्षमता ज्यादा होता है। यह पानी को अपने अंदर अवशोषित कर लेता है, जिसके कारण ईट के घरों में ठंड महसूस होता है। जो ईट पानी ज्यादा सोखती है वह ईट बहुत कमजोर होती है, इस ईट का उपयोग घर बनाने के लिए नही करना चाहिए।
#2 ईट के लाल हो जाने की प्रक्रिया
ईट आग में पकने के बाद वह लाल रंग का हो जाता है। अब आपके मन में यह सवाल आएगा की आग में पकने के बाद ईट लाल क्यू हो जाता है? जब हम ईट को पकाने के लिए आग लगाते है तो ज्यादा गरम होने के दौरान, मिट्टी में मौजूद खनिज ऑक्सीजन को अवशोषित कर के उसको लाल रंग में बदल देता है, जिसके कारण ईट का रंग लाल हो जाता है।
#3 लाल ईट का ताकत चेक करने का तरीका
आप जानते है, की लाल ईट की लंबाई 9", चोराई 4" और इसकी मोटाई 2.5" होती है। लाल ईट अच्छी तरह से पक जाने के बाद इसका वजन लगभग 2.8 किलोग्राम हो जाता है। हम जो ईट घर बनाने के लिए इस्तेमाल करते है, उसकी तागत कितनी है। यह जानने के लिए एक सुखी ईट का वजन चेक कर के उसे लिख ले, फिर ईट को एक दिन के लिए पानी में डुबोकर रख दे। अगले दिन इसे पानी से बाहर निकाले और फिर से वजन चेक करे; अगर इसकी वजन 15% तक भी नहीं बढ़ा फिर इसे 4 फिट ऊपर से नीचे गिराइए अगर यह नहीं टूटा तो समझ लीजिए की यह अच्छी गुणवत्ता वाली ईट है। जो ईट अधिक पानी सोखती है, वह ईट बहुत कमजोर होती है। लाल ईट 2.5 से 3.5 N/m2 की ताकत के साथ निर्मित होती है। पक्की हुई मिट्टी की ईटो को उसकी मजबूती के लिए बाकी सभी ईटों से बेहतर बनाता है।#4 एक अच्छी ईट की पहचान
एक अच्छी ईट की पहचान उसके रंग और उसकी बनावट पर निर्भर करता है हमारे भारत में ईट विभिन्न रंगो और विभिन्न परकार के बनावट में आती है। ज्यादा तर जाली हुई मिट्टी की ईट का रंग लाल- भूरा होता है, लेकिन यह बहुत मजबूत होता है। जबकि कंक्रीट की ईट का रंग ग्रे होता है। कंक्रीट की ईट अच्छी नहीं होती है, क्यू की बारिश के समय में कंक्रीट के ईट से बने घर के अंदर पानी का रिसाव होने लगता है। एक अच्छी ईट की पहचान उसकी सतह की बनावट होती है, कुछ ईट की सतह चिकनी या खुरदुरे बनावट होती है। ईट को 4 वर्गों में विभाजन किया गया है लेकिन घर बनाने में वर्ग 1 और वर्ग 2 का ही इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन वर्ग 1 वाली ईट बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली होती है
(I) ईट का प्रकार
सॉलिड ईट वर्ग 1 में आता है। यह ईट 2.5 से 3.5 N/m2 की ताकत के साथ निर्मित होती है। घर बनाने में इस ईट का ज्यादा प्रयोग किया जाता है। यह ईट थोरी महंगी मिलती है। लेकिन इस ईट से बनी हुई घर बहुत मजबूत होती है।
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| सॉलिड ईट |
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| वर्ग 2 ईट |
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| झावा ईट |
टूटे हुए ईट को वर्ग 4 में रखा गया है। इसका उपयोग वॉल में जिस जगह ईट काट कर लगाया जाता है, उस जगह पर इसका यूज किया जाता है।
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| टूटे हुए ईट |






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